kabaily khshetra lahoul me sangeet va raag vol.2
पिछले अंक में मैंने आपसे देवी देवताओं पर समर्पित रागों की चर्चा की थी | कुछ और जानकारी रागों के संदर्व में आपसे साँझा करता हूँ |
शादी विवाह में बजने वाले राग -शादी विवाह में मुख्यतः तीन राग बजाये जाते हैं तथा इसके बाद लाहौल के पारम्परिक गीतों सेमहफ़िल की शुरुआत होती है | लाहौली गीतों के विषय में किसी और दिन चर्चा करेंगे पहले रागों के बारे में जान लेते हैं |
ब्याहर राग -विवाह समारोह में सर्वप्रथम इसी राग को बजाया जाता है | पुष्प बार बार खिलते हैं और जीवन केवल एक ही बार खिलता है यही बोल इस राग में दर्शाये जाते हैं |
ब्याहोंड़ा राग -यह राग विवाह में बजने वाला राग है | इस राग में महादेव और महादेवी र्वती के मंगल विवाह का विस्तृत वर्णन है | इस राग में दो भाग होते हैं | प्रथम भाग बर पक्ष के लिए तथा दूसरा बधु पक्ष के लिए होता है | ध्यान हो कि यह राग शिव तथा गौरी माँ के लिए समर्पित है इस राग में महादेव के विवाह कि तैयारी से लेकर विवाह कि विधि तक का सम्पूर्ण विवरण है | लाहौल की संस्कृति अति प्राचीन है जो अभी तक लाहौल वासियों ने संजोई हुई है |
भारत वर्ष में न जाने ऐसी कितनी प्राचीन संस्कृतियां मौजूद हैं | सरकारें भी इनके संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य कर रही हैं | मुझे भारत तथा इसके विविध संस्कृति पर गर्व है |आज के लिए इतना ही मेरे ब्लॉग को को कृपया शेयर तथा कमेंट करें और मेरे पेज को फॉलो भी करें | धन्यबाद जय हिन्द |
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